
हैदराबाद/देहरादून: तेलंगाना के हैदराबाद में शुरू हुए चिंतन शिविर में उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि देश को अगर खेलों में चैंपियन पैदा करने हैं तो ग्रास रूट लेवल पर बड़ा काम करना होगा। शिविर में सभी राज्यों से आए खेल मंत्रियों ने ओलंपिक जैसी प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों का प्रदर्शन सुधारने पर विचार विमर्श किया।
हैदराबाद के कन्हा शांति वनम के भवन में कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने किया।डॉ. मंडाविया ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने की कल्पना की है और राज्यों से इस महत्वाकांक्षा को साकार करने में सक्रिय रूप से योगदान देने का आग्रह किया है।
उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि खिलाड़ी के जीतने पर तो उसे हर जगह पूछा जाता है लेकिन जिस दौर में वह तैयारी कर रहा होता है उस वक्त खिलाड़ी के साथ खड़े होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें प्रतिभा को हर गांव, कस्बे, शहर में स्कूल लेवल पर ही पहचानना होगा और उन्हें विशेष संरक्षण देकर निखारने का काम करना होगा।
रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखंड में इसी तरह की दो योजनाएं उदीयमान खिलाड़ियों को लेकर चलाई जा रही है और अब इन योजनाओं का नतीजा भी सामने आने लगा है। रेखा आर्या ने कहा कि ओलंपिक जैसे इवेंट के लिए संभावित खिलाड़ियों का चयन समय रहते करके उन्हें खेल आयोजन स्थल जैसी वास्तविक परिस्थितियों में 6 महीने कोचिंग कराई जाए तो प्रदर्शन सुधारने में मदद मिलेगी।
चिंतन शिविर के दौरान अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से आए खेल मंत्रियों ने भी अपने विचार रखें। खेल मंत्री रेखा आर्या के संबोधन के दौरान 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन की चर्चा होने पर पूरे सभागार ने तालियां बजाकर खेल मंत्री और उत्तराखंड की जनता को बधाई दी।
रेखा आर्या ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड में कई खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल सुविधाएं तैयार की गई है और इसका फायदा दूसरे राज्यों के खिलाड़ी भी ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य को अगर ऐसी आवश्यकता है तो उत्तराखंड सरकार इसमें सहयोग के लिए हमेशा तैयार है।