रायपुर
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आखिरकार धान खरीदी की तारीख को लेकर मची ऊहापोह को दूर कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार धान खरीदी की तारीख को आगे नहीं बढ़ाएगी. धान खरीदी के लिए 31 जनवरी अंतिम तिथि थी.
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा में धान खरीदी की तारीख आगे नहीं बढ़ाए जाने के साथ कहा कि कटे हुए टोकनों की ही धान खरीदी होगी. विष्णुदेव सरकार ने व्यवस्था की मॉनिटरिंग की है. प्रदेश के किसानों ने उत्साह पूर्वक धान बेचा है. आज अंतिम दिन है, गणना होगी, और जल्द प्रोत्साहन की राशि जाएगी.
कांग्रेस ने की अवधि बढ़ाने की मांग
इधर कांग्रेस ने धान खरीदी की अवधि बढ़ाने की फिर से माँग की है. कांग्रेस पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने कहा कि सरकार धान खरीदी का अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई है. बड़ी संख्या में किसान धान बेचने से वंचित हुए हैं. हर सोसाइटी में प्रदेश का किसान धान खरीदी से वंचित रहा है. कांग्रेस मांग करती है कि सरकार किसानों का एक-एक दाना खरीदते हुए धान खरीदी की अवधि को बढ़ाए.
हफ्ते भर पहले ही टूट गया रिकार्ड
बता दें कि प्रदेश में 14 नवम्बर से धान खरीदी की जा रही है. धान खरीदी में पिछले साल का 144.92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का रिकार्ड टूट चुका है. इस साल 24 जनवरी तक प्रदेश के 25 लाख 13 हजार किसानों से 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी थी. वहीं धान खरीदी के एवज में 29 हजार 599 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है.